नए युग के नए विचार इंसान को कुछ नए एहसास दिलाते हैं। इस कलयुग में अगर किसी चीज़ की कमी है तो वह है, भरोसा। समझ में ही नहीं आता की कौन सही है और कौन ग़लत है। ग़लत निगाह से देखो तो हर कोई ग़लत दिखता है और वहीं दूसरी तरफ़ सही निगाह से देखो तो हर कोई सही लगता है। अब सबसे बड़ी बात तो यह है कि कैसे पहचाने कौन सही है और कौन ग़लत है। इसी होड़ में इंसान कभी किसी से बहस करता है तो कभी किसी पर आँख मूँद कर भरोसा करता है।
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