LEADER 00000nam a2200325Ka 4500 006 m d 007 cr cn--------- 008 170619s2017 nyu s 000 1 hin d 020 9781329909281 (electronic bk) 037 B513080A-4281-470A-88D4-9CF583A667B3|bOverDrive, Inc. |nhttp://www.overdrive.com 040 TEFOD|cTEFOD 099 eBook OverDrive/Libby 100 1 Tagore, Rabindranath. 245 10 Aankh ki kirkiri|h[OverDrive/Libby electronic resource] |cRabindranath Tagore. 260 Csorna :|bSai ePublications,|c2017. 300 1 online resource 336 text|btxt|2rdacontent 337 computer|bc|2rdamedia 338 online resource|bcr|2rdacarrier 500 Title from eBook information screen.. 520 विनोद की माँ हरिमती महेंद्र की माँ राजलक्ष्मी के पास जा कर धरना देने लगी। दोनों एक ही गाँव की थीं, छुटपन में साथ खेली थीं। राजलक्ष्मी महेंद्र के पीछे पड़ गईं - 'बेटा महेंद्र, इस गरीब की बिटिया का उद्धार करना पड़ेगा। सुना है, लड़की बड़ी सुंदर है, फिर पढ़ी-लिखी भी है। उसकी रुचियाँ भी तुम लोगों जैसी हैं। महेंद्र बोला - 'आजकल के तो सभी लड़के मुझ जैसे ही होते हैं।' राजलक्ष्मी- 'तुझसे शादी की बात करना ही मुश्किल है।' महेंद्र - 'माँ, इसे छोड़ कर दुनिया में क्या और कोई बात नहीं है?' महेंद्र के पिता उसके बचपन में ही चल बसे थे। माँ से महेंद्र का बर्ताव साधारण लोगों जैसा न था। उम्र लगभग बाईस की हुई, एम.ए. पास करके डॉक्टरी पढ़ना शुरू किया है, मगर माँ से उसकी रोज-रोज की जिद का अंत नहीं। कंगारू के बच्चे की तरह माता के गर्भ से बाहर आ कर भी उसके बाहरी थैली में टँगे रहने की उसे आदत हो गई है। माँ के बिना आहार-विहार, आराम-विराम कुछ भी नहीं हो पाता। अबकी बार जब माँ विनोदिनी के लिए बुरी तरह उसके पीछे पड़ गई तो महेंद्र बोला, 'अच्छा, एक बार लड़की को देख लेने दो!' लड़की देखने जाने का दिन आया तो कहा, 'देखने से क्या होगा? शादी तो मैं तुम्हारी खुशी के लिए कर रहा हूँ। फिर मेरे अच्छा-बुरा देखने का कोई अर्थ नहीं है।' महेंद्र के कहने में पर्याप्त गुस्सा था, मगर माँ ने सोचा, 'शुभ-दृष्टि' के समय जब मेरी पसंद और उसकी पसंद एक हो जाएगी, तो उसका स्वर भी नर्म हो जाएगा। 538 Requires OverDrive Read (file size: N/A KB) or Adobe Digital Editions (file size: 532 KB) or Kobo app or compatible Kobo device (file size: N/A KB) or Amazon Kindle (file size: N/A KB). 650 7 Literature.|2OverDrive 650 17 Fiction.|2OverDrive 655 7 Electronic books.|2local 856 40 |uhttps://naperville.overdrive.com/media/3299544 |zAvailable on OverDrive/Libby 856 42 |3Excerpt|uhttps://samples.overdrive.com/?crid=b513080a- 4281-470a-88d4-9cf583a667b3&.epub-sample.overdrive.com |zSample 856 42 |3Image|uhttps://img1.od-cdn.com/ImageType-100/6645-1/ %7BB513080A-4281-470A-88D4-9CF583A667B3%7DImg100.jpg |zLarge cover image 856 42 |3Thumbnail|uhttps://img1.od-cdn.com/ImageType-200/6645-1/ %7BB513080A-4281-470A-88D4-9CF583A667B3%7DImg200.jpg |zThumbnail cover image