वर्दी वाला गुंडा वेद प्रकाश शर्मा का सफलतम थ्रिलर उपन्यास है। इस उपन्यास की आजतक लगभग 8 करोड़ प्रतियाँ बिक चुकी हैं। भारत में जनसाधारण में लोकप्रिय थ्रिलर उपन्यासों की दुनिया में यह उपन्यास क्लासिक का दर्जा रखता है। लेखक खुद इस उपन्यास के बारे में लिखते हैं कि एक शाम मैंने देखा कि उत्तर प्रदेश पुलिस का एक वर्दीधारी सिपाही नशे में धुत चौराहे पर इधर-उधर लाठियां भांज रहा है। इस सिपाही को देखकर पहली दफा मेरे मन में विचार आया कि ये तो वर्दी की गुंडागर्दी है और इसी से 'वर्दी वाला गुंडा' नाम मेरे ज़ेहन में आया और फिर यह उपन्यास लिख डाला।
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