Description |
1 online resource |
Note |
Title from eBook information screen.. |
Summary |
गुलशेर की रचनात्मक शख़्सियत का रौशनतरीन पहलू उनकी शैली (style) है, जो परम्परागत हरगिज़ नहीं। गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर, पाकिस्तान में अपने स्टूडेंट होने के ज़माने में 'रावी' की नज़्मों का चयन और संकलन 'शायरी तुमसे है' के नाम से किया। पंजाब यूनिवर्सिटी, पाकिस्तान से एल. एल. बी. के दौरान 2002 में उनकी किताब 'गुलज़ार : आवाज़ में लिपटी ख़ामोशी' मंज़रे-आम पर आयी और उसे बेपनाह मक़बूलियत मिली; बाद में इसे उस्मान अली ने 'Gulzar : The Speaking Silence' के नाम से अँग्रेज़ी ज़बान में ढाला। 'कहानी साँस लेती है' इनकी अलग-अलग लेखन-शैली का ख़ूबसूरत नमूना है। एन्टी-करप्शन डिपार्टमेंट में डिप्टी डायरेक्टर रह चुके हैं। कुछ अर्सा कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में भी रह चुके हैं और आजकल यूनिवर्सिटी ऑफ सरगोधा, पाकिस्तान के लॉ डिपार्टमेंट में पढ़ाते हैं। इनकी संकलित-सम्पादित किताब 'गुलज़ार : नज़्में, ग़ज़लें, गीत, त्रिवेणी' गुलज़ार साहब को चाहनेवालों के लिए गौहरे-नायाब है। हाल ही में प्रकशित होनेवाली किताब 'जगजीत सिंह की मधुर आवाज़ में अमर होनेवाली ग़ज़लें, नज़्में, गीत' मौसीक़ी और उर्दू ज़बानो-अदब में रुचि रखनेवालों के लिए तोहफ़े से कम नहीं। इनकी सम्पादित किताब 'कुल्लियाते सैयद मुबारक शाह' आध्यात्मिक जगत में विचरण करनेवालों के लिए राहनुमा साबित हो सकती है। इनका नया शाहकार 'गौतम को निर्वाण मिला था' उस वृत्तान्त पर आधारित है जो थाईलैंड की वादियों में गौतम की मुहब्बत में लिखी गयी है। |
System Details |
Requires OverDrive Read (file size: N/A KB) or Adobe Digital Editions (file size: 1678 KB) or Kobo app or compatible Kobo device (file size: N/A KB) or Amazon Kindle (file size: N/A KB). |
Subject |
Nonfiction. |
|
Biography & Autobiography. |
|
Hindi language materials.
|
Genre |
Electronic books.
|
|
Hindi language materials.
|
|